7 मार्च 2020

ढूंढ रहा हूं




जिंदगी जीने के लिए एक निवाला ढूंढ रहा हूं,
खामोश है जिंदगी अब बोलनेवाला ढूंढ रहा हूं..!!

अपनों के दिए गम और दर्द बहुत ज्यादा है,
उसे भूलाने को एक मधुशाला ढूंढ रहा हूं..!!

काले बादलों और दर्द से ढक गई है जिंदगी मेरी,
अब जिंदगी रोशन हो ऐसा उजाला ढूंढ रहा हूं..!!

जिंदगी में मुझे मेरे हर गुनाह की सजा मिली,
अब जिंदगी उजागर हो ऐसा हितवाला ढूंढ रहा हूं..!!

बहुत आए जिंदगी में मेरे और छोड़ के चले गए,
अब साथ मेरे हो ऐसा साथ रहनेवाला ढूंढ रहा हूं..!!

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