7 मार्च 2020

तुम

चंपा चमेली जुही यास्मीन गुलाब हो तुम 
गुल गुलशन  चाँद चाँदनीं महताब हो तुम 

दिल,  दिलनशीं,  दिलकश,  दिलकशीं 
मध-मधुर शिरीं-शिरिनी शहद-नाब हो तुम  

गुलनार, गुलनाज़, ऐ मेरी गुलबदन गुलफशा 
खुश मौसम मे तुलुअ होता आफताब हो तुम 

गुलाबी होठ नशीली  आँखें  उठता जोबन
चलता-फिरता, मय, मैख़ाना, मय-नाब हो तुम 

सौ  टेरहे  मेरहे, उलझें  हुए  सवालों  का
एक  सुलझा  हुआ  सीधा  जवाब  हो तुम 

मेरी  यादों  मे   मेरी  बातों  मेरे  शेयरों  मे 
हिसाब नही  तुम्हारा  बेहिसाब  हो  तुम

तुम हीरा,  तुम मोती, सोने से,  तुम चाँदी से 
अनमोल बेशकीमत गोहर-ए-नायाब हो तुम 

लबो की हसी दिल का सरूर ऐ मिस्ल-ए-हूर 
मेरी  आंखों  की  खूबसूरत  ख़्वाब  हो  तुम

ला-मिस्ल बेमिसाल  इज़्ज़त-मआब हो तुम 
जवाब  नही  तुम्हारा  लाजवाब  हो  तुम

लिखता हूँ   पढ़ता हूँ  'अजनबी'  मै तुमको 
मेरे  निसाब की  मन पसंद किताब हो तुम

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