7 मार्च 2020

वो कहती है

Wo Keshti Hai


वो कहती है कुछ तो बोलो,जो राज छुपा मन में खोलो
कह न सको तो लिख ही दो,पन्नों पर ही सही प्यार तोलो
वो कहती है तुम बदल गये, एक मौसम थे अब निकल गए
कहती है कि तुम भूल गये, मशरूफ़ हो तुम हैं दोस्त नये

मै भी हँस कर रह जाता हूँ,बस मन में ही कह पाता हूँ,
व्यक्त्त कर सकें भाव मेरे,वो मिलते हैं अल्फ़ाज़ नहीं
जो बातें मन से होती हैं ,वो शब्दों की मोहताज नहीं
बचपने, लड़कपन और प्रेम का होता एक अंदाज़ नहीं

वो कहती है वो याद नहीं, अब करने को कोई बात नहीं

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