इश्क़ है, या है ख़ालिस अदाकारियाँ ?
सब समझती है जी,आज की लड़कियाँ !!
गुफ्तगू कीजिए , या ज़ुबाँ रखिए बंद
बोलते पर रहिए, आँखों की बोलियाँ !!
क्या ज़रूरत मुझे गुल और गुलाबों की
फूल खुशबू, तुम्हीं मेरी फुल-वारियाँ !!
दौर,क़ासिद-क़लम का मुकम्मल हुआ
इस जगह आ गई हाथों की उँगलियाँ !!
बागबाँ मेरे दिल का जुदा जब हुआ ?
साथ अपने ले गया मेरी किलकारियाँ !!
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