20 मई 2020

|निर्भया|

आज तुझे इंसाफ दे दिया,
अब जब तू आयेगी एक नई दूनिया दी जायेगी,
'निर्भया' तू अबकी बार सच मे निर्भय होकर जी पायेगी।

ना कसने देगें तुझपे फब्तियां,
ना कोई नजर गंदी उठ पायेगी,
खौफ बना लो दिल मे एै दरिंदों,
नापाक इरादे जब-जब होंगे तेरे,
तुझको फांसी दी जायेगी।

एै माँ ओ सुन लो तुम,
ना बेटी को अपने बस 'गौरी' बनाना तुम,
उसको चंडी जैसा संहार सिखाना तुम,
आदिशक्ति का रुप है लेना,
दुष्टों से भिड़ जाना तुम।

होगा देश ना शर्मसार अब,
कहीं उठे उंगली भी जब बिंटिया रानी पर
बन के श्मशान के शंकर लड़ जाना तुम,
अपनी ही बेटी है या किसी और कि कही सोच मे ना पड़ जाना तुम।

निर्भया हमें तुम माफ करो
तुझको बचा न सके हम,
हो सके तो फिर से बेटी बन के आना तुम।

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